किन्नर से प्यार भाग - 17



कहानी _ **किन्नर का प्यार **

भाग_ 17

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

आज तीन दिन हो गए मगर पुलिस सुनंदा को ढूंढने में सफल नहीं हो पाई थी ।उसके माता पिता,राखी और बबिता किन्नर सभी पुलिस थाना जाकर दारोगा जी से सुनंदा को जल्दी ढूंढने का अनुरोध किया।
सुनंदा के पिता ने कहा _ मेरी समझ में नही आ रहा है ये लोग मेरी बेटी कोj लेकर इतनी जल्दी कहा गायब हो गए।
बबिता ने कहा आप चिंता न करे मैने अपने समाज के सभी गुरुओ को बोल दिया पुष्पा और उसकी टीम की तलास करने को ।
तीन दिन के बाद प्रवेश पांडेय गाजियाबाद से लखनऊ पहुंचा ।कॉलेज में उसने सब जगह सुनंदा को ढूंढा ।j
जब वो नही मिली तो उसने अपने साथियों से उसके बारे ने पूछा ।एक ने कहा लगता है तुमने अखबार नही पढ़ा है।
उसका तो एक किन्नर ने अपहरण कर लिया है।न्यूज में यह भी लिखा है की सुनंदा भी खुद एक किन्नर थी ।
क्या बक रहे हो यार होश में बात करो।
मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं वो किन्नर हो ही नही सकती ।
मान लो अगर वो किन्नर है भी तो उसको किन्नरों के चंगुल से छुड़ाना चाहिए। वो हमारी क्लासमेट है।वो एक बहुत ही प्यारी और तेज तर्रार लड़की है ।हमारे कॉलेज की स्टूडेंट है ।प्रवेश बहू चिंतित हो गया ।
उसने अपना क्लास ख़त्म किया और राखी को फोन किया और उससे सुनंदा के बारे में पूछा ।राखी ने रोते हुए उसेj सारा मामला बता दिया ।प्रवेश ने कहा तुम चिंता मत करो मैं अपने पापा से अभी बात करता हूं और बोलता हूं वो तुरंत एसपी साहब बात करके सुनंदा की तलास तेज करवाने के लिए।
प्रवेश ने फिर पूछा तुम कहा हो अभी ।
राखी ने कहा अभी पुलिस थाना आए थे ।अब सुनंदा के घर जा रहे हैं साथ में उसके मम्मी पापा भी है।
ठीक है तुम चलो मैं पापा से बात करके वही आता हूं।
राहुल तीन दिनों से अपनी परिक्षा की तैयारी में बिजी था इसलिए अपना मोबाइल चेक नही कर पाया था।
आज जैसे ही उसे फुर्सत मिली उसने अपना मोबाइल चेक किया ।आपनी मां का मेसेज देखकर उसने उसे खोला । उसमे एक न्यूज पेपर की कटिंग थी ।मम्मी ने भेजा है तो जरूर कोई बात होगी यह सोचकर उसने उसे ध्यान से पढ़ना शुरू किया।पूरा न्यूज़ पढ़ते ही वो सन्न रह गया ।लगा की उसे चक्कर आ जायेगा ।तो क्या सुनंदा एक किन्नर लडकी थी ।लेकिन उसने मुझे बताया क्यों नही ।यह बात उसने मुझसे छुपाई क्यों ।उसे सुनंदा पर गुस्सा आने लगा था।
मैं उसे कितना प्यार करता हूं और इसने मुझे धोखा दिया ।मुझसे अपना राज छुपा कर रखा ।तभी वहा नीलम भी आ गई ।क्या हुआ राहुल तुम इतना टेंशन में क्यों लग रहे हो ।राहुल ने अपना मोबाइल उसकी तरफ बढ़ा दिया।न्यूज पढ़ते ही नीलम भी हैरत में पड़ गई ।वो आवाक रह गई।
मतलब तुम अब तक एक किन्नर से प्यार कर रहे थे राहुल ।लेकिन देखने या बातचीत से तो वो कभी नही लगी की सुनंदा एक किन्नर है । नीलम ने गंभीर होकर कहा ।उसने देखा राहुलb अपने सीने को दबाए रो रहा था ।उसकी आंखे भर आई थी ।
उसने राहुल को अपनी बांहों में भर लिया और उसके सिर और माथे को सहलाते हुए कहा मत रोओ राहुल ।जो हुआ वो अच्छा हुआ।तुम बाल बाल बच गए ।वरना तुम तो एक किन्नर लड़की से शादी करने वाले थे।
राहुल नीलम से अलग होकर अपनी मां को फ़ोन किया और रोते हुए कहा मम्मी ये सब क्या छपा है मां मुझे विश्वास नहीं हो रहा है।
जो सच है वही छपा है बेटे अब तुम उसे भूल जाओ ।अच्छा हुआ उसे किन्नरों ने उठा लिया वरना उसका भेद कभी नही खुल पाता और मुझे उससे तुम्हारी शादी करनी पड़ती ।
तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो और उसके बारे में सोचना छोड़ दो ।उसकी मां प्रज्ञा देवी ने नफरत से मुंह बनाते हुए कहा ।
राहुल ने फोन काट दिया ।उसे सुनंदाh पर बहुत गुस्सा आ रहा था।उसने राखी को फोन किया और उसे डांटते हुए कहा _ तुमको तो अपनी सहेली के बारे में जरूर पता होगा लेकिन तुमने भी मुझे कभी सुनंदा के बारे में नही बताया।तुम दोनो ने मिलकर मुझे धोखा दिया है।में तुम दोनो को कभीhb माफ नहीं करूंगा।
तुमको इस बात का गुस्सा है को उसने तुम्हे अपने बारे में सब सच क्यों नही बताया लेकिन तुम्हे इस बात की जरा भी चिंता नही है की मेरी सहेली का अपहरण कर लिया है।
यह पूछने के बजाय की वो कहा है किस हाल में है ।तुम उसे धोखेबाज कह रहे हो।क्या यही है तुम्हारा प्यार ।
तो सुनो मेरी सहेली तुम्हे अपने बारे में सब सच बताना चाहती थी लेकिन तुम्हारी पढ़ाई में विघ्न ना पड़े इसलिए उसने तुम्हे यह सब नही बताया।जब तुम पास कर जाते वो खुद तुम्हे अपनी सच्चाई बताने वाली थी।
राखी ने राहुल को डांटते हुए कहा ।वैसे भी बहुत जल्दी उसका ऑपरेशन होने वाला था ।ऑपरेशन होते ही उसकी सभी शारीरिक कमजोरी दूर होने वाली थी लेकिन उससे पहलेg किन्नरों को किसी तरह पता चल गया और वे उसे उठा ले गए ।
लेकिन मुझे तुम्हारी बातों से बहुत दुख हुआ है।
मुझे बहुत अफसोस हो रहा है की मेरी सहेली ने तुम्हारे जैसे मतलबी लड़के से प्यार किया ।जिसे जिस उसके रूप रंग और खूबसूरती से प्यार था ।
राखी ने अपनी भड़ास निकालते हुएb उसे गुस्से में कहा ।
चाहे जी भी कहो तुम दोनो ने मिलकर मुझे धोखा दिया है में तुम दोनो को कभी माफ नहीं करूंगा ।राहुल ने भी नाराज होते हुए कहा।
अपना फोन रखो मतलबी कही का ।एक तो मेरी सहेली मुशीबत में है और तुमको अपनी सूझ रही है।बहुत पछताओगे राहुल तुम मेरी सहेली को खोकर ।इतना कहकर उसने फोन काट दिया ।उसे राहुल की बाते सुनकर उससे नफरत होने लगी थी । कैसा प्यार है इसका अपनी दोस्त के दुख तकलीफ से कोई मतलब नही है इसे।
कोई मदद क्या करेगा बल्कि उसे ही दोषी ठहरा रहा है।ये सब जब सुनंदा को पता चलेगा तो उसका दिल ही टूट जायेगा।
उसपर गुस्सा उतारने से क्या फायदा है बेटी ।मेरी बेटी का भी दोष है मैंने उसे मना किया था अपने बारे में सब जानते हुए भी वो राहुल से प्यार मत करना ।उससे दूर रहना लेकिन उसने मेरी एक ना मानी ।सुनंदा की मां ने रोते हुए कहा।
तभी उनके मोबाइल पर राहुल की मां फोन आया ।आपने अच्छा मजाक किया बहन जी ।में अपने बेटे का विवाह आपकी बेटी से करना चाहती थी लेकिन आपने अपनी बेटी के बारे में सच्चाई छुपाकर मुझे अंधेरे में रखा आपने अच्छा नही किया । मेरा बेटा अपलोगकु के इस धोखेबाजी से बहुत दुखी है ।राहुल की मां ने ताना मारते हुए कहा।
देखिए बहन जी मैने कभी नही अपनी बेटी के विवाह का प्रस्ताव आपके पासh रखा था ।जब आपने अपनी इक्षा जाहिर किया था मैंने दोनो की पढ़ाई की बात कर मामले को टाल दिया था ।
वो तो मेरी बेटी की जिद थी राहुल से प्यार करने की ।लेकिन वो भी उसे सब सच बताना चाहती थी । सुनंदा की मां ने उसे समझाते हुए कहा ।
मुझे आप जैसे धोखेबाज लोगो से बात ही नहीं करनी है।इतना कहकर उसने अपना फ़ोन काट दिया ।
ममता देवी रोने लगी ।राखी ने उन्हे ढांढस बंधाया और कहा चुप रहिए आंटी ये सब तो होना ही था।अभी हम सबको सुनंदा को ढूंढने में ध्यान देना चाहिए।
बबिता किन्नर पुलिस थाना से ही अपने लोगो को लेकर निकल गई थी और अपने तमाम जानकारों से पुष्पा का पता लगाने में लग गई थी ।
वो एक बड़ा सा सुनसान मकान था।आसपास में कोई घर नही था।तीनh तरफ जंगल थे । पुष्पा किन्नर ने गाड़ी रुकते ही अपने किन्नर साथियों से कहा _ जल्दी से इस लड़की को उठाओ और अंदर ले चलो ।यह मेरा खुफिया ठिकाना है । यहां सारी सुविधाएं है।
सबलोग सुनंदा को गाड़ी से उतारकर उस मकान के अंदर ले गए। उस समय उसका हाथ पैर बंधा हुआ था और मुंह पर पट्टी लगी हुई थी ।वो चाह कर भी कुछ कर नही पा रही थी ।
मकान के अंदर जाते ही पुष्पा ने कहा आज ही इसका विवाह अपने आराध्य देवता से विवाह कर अपने समाज में मिलाएंगे।इसलिए सब लोग जल्दी से इसे नहला धुला कर दुल्हन की तरह सजाओ ।उसकी बात सुनकर सुनंदा मचलने लगी तभी पुष्पा ने उसके गाल पर एक करारा तमाचा जड़ते हुए कहा चुप चाप जो हो रहा है होने दो ।अब तुम मेरे चंगुल से बच नही सकती ।
प्रवेश ने अपने वकील पिता से सुनंदा के बारे में बताते हुए कहा_ पापा आपने अखबार तो पढ़ा होगा सुनंदा केh बारे में।वो मेरे ही कॉलेज की स्टूडेंट है ।बहुत ही प्रतिभाशाली और तेज तर्रार लड़की है।उसको किन्नरों ने किडनेप कर लिया है आप एस पी साहब से बात कर उसकी बरामदी जल्द से जल्द करवाए ।बेचारी मेरे साथ ही एक ही ट्रेन में दिल्ली जा रही थी ।
उसके बारे मे मुझे काफी चिंता हो रही है।h
उसके पापा ने कहा ठीक है बेटा मैं एस पी साहब से अभी बात करता हूं ।
उसके पापा ने एस पी साहब से सारी बात बताकर कहा वो लड़की मेरे बेटे की क्लासमेट और दोस्त है उसके अपहरण करने वालो को तुरंत गिरफ्तार करवाने और सुनंदा की तलास तेज करवा दे । एस पी ने तुरंत उस क्षेत्र के पुलिस थाना के दारोगा से मामले की जानकारी लिया और कहा मैं दो और पुलिस थाना को तुम्हारे साथ लगाता हूं उस लड़की को जल्द से जल्द बरामद करो और अपहरण कर्त्ताओ को तुरंत कोर्ट में पेश करो ।अभी एक बड़े वकील का फोन आया था ।कही यह मामला तुल न पकड़ ले।
दरोगा ने कहा ठीक है सर आप बाकी पुलिस बल को भेजिए सर मैं बाकी तैयारी करता हूं ।हालांकि मेरी पूरी टीम उनको तलास में लगी हुई है।
थोड़ी ही देर में पुलिस ने हर रेलवे स्टेशन , बस अड्डा,शहर से बाहर जाने वाले चेक नाकों की नाकेबंदी कर दीया।हर गाड़ियों की गहन जांच होने लगी ।
 सबने सुनंदा को पूरी दुल्हन की तरह सजा दिया ।चार किन्नर उसे चारो तरफ घेरे हुए थे।
अपने आराध्य देवता की मूर्ति केh सामने उसे बैठाया गया ।अभी विवाह की कोई रश्म शुरू होती इससे पहले एक वृद्ध किन्नर को हार्ट अटैक आ गया ।सब उसे किसी अस्पताल ले जाते इससे पहले वो चल बसा।
अब वहा सब दुखी हो गए ।विवाह की रस्म बंद कर दी गई।
पुष्पा ने कहा इसका हमारे समाज के रिवाज के मुताबिक रात में ही दाह संस्कार करना पड़ेगा ।
चार लोग जल्दी से जंगल में जाओ और कही जगह देखकर इसके लिए कब्र खोदो क्योंकि हम लोग अपने मुर्दे को जलाते नही बल्कि दफनाते है ।
 जल्दी जल्दी उसकी जैसे तैसे अर्थी तैयार की गई ।जब सब लोग उसे दफनाने जाने लगे सब किन्नर अपनी अपनी चप्पलें निकाल कर उसे मारते जा रहे थे और गालियां दे रहे थे ।जा कुत्ता कही का अब दुबारा इस किन्नर जन्म में मत आना ।उसकी कब्र तक उसको इसी तरह मारते पीटते ले गए सभी ।
सुनंदा यह सब देखकर आश्चर्य चकित रह गई ।बड़ा अजीब रिवाज है किन्नरों का।अब उसका हाथ पैर और मुंह की पट्टी खोल दिया गया था लेकिन उसकी नागरानी में अब भी चार किन्नर मौयूद थे।
शेष भाग _18 में 

लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड



   18
1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:46 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply